बाप और उसकी बेटी
मैंने दोनों हाथों से उसकी चूचियों को दबोच लिया और जोर-जोर से दबाने लगा। “आह्ह… पापा… धीरे…” वो शरमाते हुए बोली, लेकिन उसकी सिसकारियों में मज़ा साफ झलक रहा था। मैंने उसके एक निप्पल को मुँह में लिया और चूसने लगा। “ओह्ह… उफ़्फ़… आह्ह…” वो अंगड़ाइयाँ लेने लगी। उसकी साँसें और तेज हो गईं।